पॉलीसल्फेट से कपास की उत्पादनता में वृद्धि | Polysulphate se kapas ki utpadanta mein vridhi

56%

फलियों का वजन

किस्म: कपास अजीत-155

गाँव: धोतरा, तालुका: सिल्लोड, जिला: औरंगाबाद, महाराष्ट्र
2020

56%

फलियों का वजन

प्रमुख निष्कर्ष

मौजूदा किसान तरीकों की तुलना में, पॉलीसल्फेट उर्वरक के उपयोग के माध्यम से आईसीएल प्रैक्टिस ने कपास फसल के बीज वजन और प्रति हेक्टेयर कुल उपज में काफी वृद्धि का प्रदर्शन किया। भारतीय परिस्थितियों में इसका मतलब है कपास की फसलों के लिए प्रति हेक्टेयर अतिरिक्त रिटर्न और प्रति यूनिट उपज लागत बनाम लाभ के अनुपात में वृद्धि।

उद्देश्य

कपास की वृद्धि और उपज मापदंडों पर पॉलीसल्फेट के प्रभाव का मूल्यांकन करना।

परीक्षण विवरण

परीक्षण क्षेत्र

गाँव: धोतरा, तालुका: सिल्लोड, जिला: औरंगाबाद, महाराष्ट्र

आकलन

निकली टहनियां, फलियों की संख्या, फलियों का वजन, कुल उपज

पोषक विवरण

• किसान प्रैक्टिस: 138N: 58P: 38K
(18:46:0-125 किग्रा + Urea 250 किग्रा + MOP 62.5 किग्रा) /हेक्टेयर


• आईसीएल प्रैक्टिस: 138N: 58P: 84K: 46S: 41CaO + 14MgO
(18:46:0-125 किग्रा + Urea 250 किग्रा + MOP 62.5 किग्रा + पॉलीसल्फेट 250 किग्रा) /हेक्टेयर

पोषक विवरण

• किसान प्रैक्टिस: 138N: 58P: 38K
(18:46:0-125 किग्रा + Urea 250 किग्रा + MOP 62.5 किग्रा) /हेक्टेयर


• आईसीएल प्रैक्टिस: 138N: 58P: 84K: 46S: 41CaO + 14MgO
(18:46:0-125 किग्रा + Urea 250 किग्रा + MOP 62.5 किग्रा + पॉलीसल्फेट 250 किग्रा) /हेक्टेयर

परिणाम

सिल्लोड, महाराष्ट्र में परीक्षणों के दौरान कपास की पैदावार में 47% की भारी वृद्धि देखि गई।

सिल्लोड, महाराष्ट्र में परीक्षणों के दौरान कपास की पैदावार में 47% की भारी वृद्धि देखि गई।

 

सिंपोडियल शाखाओं की औसत संख्या और आईसीएल प्रैक्टिस में फलियों की संख्या क्रमशः 16 और 80 थी, जबकि किसान प्रैक्टिस में यह 13 और 52 थी यानि किसान प्रैक्टिस की तुलना में क्रमशः 23% और 54% की वृद्धि देखी गई। साथ ही फलियों का वजन 56% बढ़ा देखा गया। आईसीएल प्रैक्टिस में कपास के बीज की उपज 35 क्विंटल/हेक्टेयर थी और किसान प्रैक्टिस में यह 23.75 क्विंटल/हेक्टेयर थी। किसान प्रैक्टिस के ऊपर 47% उपज वृद्धि देखि गई। प्रति यूनिट लागत बनाम लाभ का अनुपात 7.50 था।