पॉलीसल्फेट द्वारा गोभी उत्पादन में बढ़त
दो भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा किए शोध ने साबित कर दिया है कि पॉलीसल्फेट गोभी के फसलों को सर्वोच्च उपज के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है।
यह व्यापक रूप से समझा जाता है कि सल्फर पौधों के लिए एक महत्वपूर्ण मैक्रोन्यूट्रिएंट है। सल्फर का सम्बन्ध उच्च उपज और अच्छी गुणवत्ता से है, विशेष रूप से गोभीयों में। यह पॉलीसल्फेट में मुख्य पोषक तत्वों में से एक है जो कि पॉलीहलाइट से बना है और जिसमें प्राकृतिक खनिज जैसे पोटेशियम (के), कैल्शियम (सीए) और मैग्नीशियम (एमजी) के हाइड्रेटेड सल्फेट शामिल हैं। सल्फर गोभी के लिए लाभदायक है। पॉलीसल्फेट डालने से सभी प्रकार के गोभी अधिक मात्रा में और बेहतर बढ़ते हैं क्योंकि सल्फर प्राकृतिक रूप से पॉलीसल्फेट की मिश्रित संरचना में शामिल होता है।
पॉलीसल्फेट उत्पादन को बढ़ाता है
भारत में शोधकर्ताओं ने दो प्रमुख ब्रासिका ओलेरासिया फसलों: फूलगोभी और पत्तागोभी के उपज पर पॉलीसल्फेट की जैव-प्रभावकारिता का परीक्षण करना शुरू किया।
जी.सी. सतीशा और ए.एन. गणेशमूर्ति, आईसीएआर (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हॉर्टिकल्चरल रिसर्च) के प्रधान वैज्ञानिकों ने पॉलीसल्फेट पर अपने निष्कर्ष प्रकाशित किए, और यह गोभी उत्पादकों के लिए अच्छी खबर है।
फूलगोभी और पत्तागोभी जैसी सब्ज़ियां भारतीय आहार में आम हैं और कई भारतीय किसानों के लिए महत्वपूर्ण नकदी फसलें हैं। शोध में पाया गया कि सल्फर के प्रयोग से दोनों फसलों की उपज और गुणवत्ता में काफी वृद्धि हुई। भारतीय शोध के परिणामों के अनुसार, “पत्तागोभी और फूलगोभी की उच्चतम उपज, बिना पॉलीसल्फेट वाली उपज सैम्पल के मुकाबले क्रमशः 32.8% और 39.5% अधिक थी। यह उपज एन-पी-के (नाइट्रोजन -फॉस्फोरस – पोटैशियम) और एस (सल्फर) के क्रमशः 100% और 75% मात्रा द्वारा प्राप्त की गई थी, जो पॉलीसल्फेट के माध्यम से मिली।”
पौध-पोषण के परस्पर सम्बन्ध की समझ
जहां एक और सल्फर जैसे पोषक तत्व को महत्त्व देना उपयोगी है, वहीं पॉलीसल्फेट में मौजूद सभी पोषक तत्वों के बीच उनके लाभवर्धक परस्पर-संबंध को पहचानना भी महत्वपूर्ण है।
यही वह पहलु है जिसका भारतीय शोध रिपोर्ट से पता चलता है। पॉलीसल्फेट उर्वरक में निहित पोटेशियम ने पौधे द्वारा सल्फर के अवशोषण को बढ़ाया, वहीं बदले में सल्फर, फास्फोरस और कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ावा देता दिखाई दिया।
पॉलीसल्फेट जो की एक उल्लेखनीय, प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली, खनन द्वारा प्राप्त खनिज खाद है, उसकी गतिविधि – या ‘जैव प्रभावकारिता’ (शोधकर्ताओं की भाषा में कहें तो) – इस खाद के सभी अवयवों के अकेले के प्रभाव के कुल जोड़ से अधिक है। और यही कारण है कि, बार-बार, यह एक ऐसा शक्तिशाली साधन साबित होता है जो किसानों को उल्लेखनीय परिणाम देता है, चाहे वह गोभी हों या अन्य फसलें।
अंतर्राष्ट्रीय पोटाश संस्थान द्वारा ई-आईएफसी में प्रकाशित गोभी और फूलगोभी की उपज और गुणवत्ता पर पॉलीहैलाइट एप्लिकेशन की जैव प्रभावकारिता पर पूरा पेपर पढ़ें।