टमाटर पर पॉलीसल्फेट से प्राप्त सफलता
टमाटर की फसल में पॉलीसल्फेट का एक बार प्रयोग करने से समय और सामग्री की बचत होती है, लाभ में वृद्धि होती है और एक उत्कृष्ट फसल का उत्पादन होता है।
अस्सी के दशक से खेती कर रहे श्री सखाराम ढोंडगे, नासिक, महाराष्ट्र, में अपने खेतों में टमाटर का उत्पादन करते हैं। खेत में जिस पानी की आपूर्ति की जाती है उसमें कैल्शियम और मैग्नीशियम बहुत कम होता है। पहले हर उपज के मौसम में इन पोषक तत्वों की आपूर्ति विभिन्न खादों द्वारा की जाती थी।
टमाटर को पोषण देने का बेहतर तरीका
इस कार्य के लिए एक सस्ता, अधिक प्रभावी विकल्प खोजने की इच्छा से श्री ढोंडगे ने पॉलीसल्फेट खाद (आईसीएल का पॉलीहलाइट-आधारित खाद) की जांच करने के लिए अपने खेत में एक परीक्षण में भाग लिया जो आईसीएल इंडिया के टेस्ट फ्रेमवर्क के अंतर्गत आयोजित किया गया था।
पॉलीसल्फेट के माध्यम से लाभ एवं बचत
परिणाम बेहतरीन थे। कई सैम्पलों की तुलना में, रोपण से पहले पॉलीसल्फेट के मात्र एक उपयोग ने पूरे मौसम के लिए पर्याप्त कैल्शियम और मैग्नीशियम प्रदान कर दिया। आईसीएल प्रैक्टिस में प्रति पौधे की उपज 13 किग्रा थी जबकि किसान की प्रैक्टिस (यानि बिना पॉलीसल्फेट, अन्य खाद के प्रयोग द्वारा) में यह 10 किग्रा रही। यह किसान की प्रैक्टिस से 30% अधिक है।आईसीएल और किसान की प्रैक्टिस में टमाटर की शेल्फ लाइफ (कटाई के बाद की आयु) क्रमशः 12 दिन और 8 दिन थी। आईसीएल और किसान की प्रैक्टिस में प्रति हेक्टेयर उपज क्रमशः 312 और 275 क्विंटल थी। प्रति हेक्टेयर अतिरिक्त लाभ ₹56,250/- रहा यानि लागत से उपज का अनुपात 14.06 रहा।
ढोंडगे कहते हैं, “पॉलीसल्फ़ेट मेरे काम में समय और सामग्री की बचत करता है – इसे मात्र एक बार फ़सल पर लगाना होता है,” और क्योंकि समय का मतलब होता है पैसा, इसलिए पॉलीसल्फ़ेट लगाने से मेरा मुनाफ़ा और बढ़ जाता है।