पॉलीसल्फेट खाद परीक्षणों से महत्वपूर्ण निष्कर्ष | Polysulphate khad Parikshano se mahatvapurna nishkarsh

व्यापक ज़मीनी परीक्षण यह प्रदर्शित करने के लिए आवश्यक हैं कि उर्वरक रणनीतियों में पॉलीसल्फेट को शामिल करने से खेत की उत्पादकता और फसल की गुणवत्ता कैसे बढ़ती है।

June 18, 2021
2मिनट

जैसे भारतीय किसानों के लिए मई-जून खेतों पर एक व्यस्त समय है, वैसे ही आईसीएल के कृषिविदों के लिए भी एक अत्यधिक उत्पादक समय है, जिसमें बड़ी संख्या में ज़मीनी परिक्षण चल रहे होते हैं।

 

परीक्षण के आंकड़े

आईसीएल की भारतीय कृषि विज्ञान टीम के पास 2021 में पूरे भारत में कई महत्वपूर्ण स्थानों पर 100 से अधिक फील्ड परीक्षण चल रहे थे, जिसमें 20 से अधिक फसलें थीं। भारत में आईसीएल के एग्रोनॉमी लीड डॉ. संजय के अनुसार, उर्वरक परीक्षण कार्य एग्रोनॉमी टीम की जिम्मेदारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

वे बताते हैं, “हमारे कृषिविदों के लिए, ग्राहकों के प्रश्नों को संभालने और किसानों को मौसमी सलाह देने के साथ ही साथ वे ग्राहकों, किसानों और परीक्षण स्टेशनों के साथ फील्ड परीक्षण स्थापित करने और उनसे सम्बंधित कार्यवाहियों में व्यस्त हैं”। “यह परीक्षण उत्पाद विकास, उसके प्रदर्शन और प्रचार का एक अनिवार्य हिस्सा हैं।”

 

चल रहे अत्यधिक महत्वपूर्ण परीक्षण

 परिक्षण इतने सारे और इतने विभिन्न किस्म के हैं कि उन सभी का वर्णन करना असंभव है। हालांकि, डॉ संजय के अनुसार, कुछ एक ऐसे हैं निका विशेष उल्लेख आवश्यक है।

 

Assessing the impact on Nitrogen Use Efficiency of balanced crop nutrition with Polysulphate in India.

भारत में, पॉलीसल्फेट के साथ संतुलित फसल पोषण का, पौधों द्वारा नाइट्रोजन के उपयोग क्षमता पर प्रभाव का आकलन।

 

भारत में पॉलीसल्फेट के साथ संतुलित फसल पोषण का नाइट्रोजन उपयोग दक्षता (एनयूई) पर प्रभाव का आकलन करने वाले परीक्षणों की एक बहु-स्थानीय व्यवस्था है। यह सभी जानते हैं कि संतुलित फसल पोषण एनयूई में काफी सुधार कर सकता है, और इसलिए पर्यावरण में नाइट्रोजन के रिस जाने से होने वाली कमी को दूर कर सकता है। सरकारी और निजी स्थानीय कृषि संस्थानों के सहयोग से यह परीक्षण महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु में चलाया जा रहा है।

इस बीच कर्नाटक से एक नए प्रोडक्ट ट्रायल का उदाहरण सामने आया है। स्टैण्डर्ड पॉलीसल्फेट से समृद्ध एक कम्पोस्ट खाद इस परीक्षण के तहत है।
संजय बताते हैं, “इस उत्पाद के साथ किसान जैविक पदार्थ और पोटेशियम के दो अनुप्रयोगों के बजाय दोनों एक बार में दे सकते हैं- पहले खाद फिर पोटेशियम”। इसका उद्देश्य मिट्टी और कंद फसलों के लाभ के लिए एक ही चरण में चौतरफा मिटटी सुधारक की आपूर्ति करना है।

 

परिणामों का मिलान

हमारे व्यापक प्रयोगात्मक कार्यक्रम में प्रत्येक परीक्षण जैसे अपने निष्कर्ष पर आने लगता है, उनके परिणामें का विभिन्न फसलों के विभिन्न क्षेत्रों में और विभिन्न परिस्थितियों में किए गए पिछले सैकड़ों परीक्षणों के साथ मिलान किया जाता है। दुनिया भर में विभिन्न कृषि प्रणालियों और स्थितियों में अधिक फसल उत्पादकता और गुणवत्ता के लिए पॉलीसल्फेट को उर्वरक रणनीति में शामिल करने के लाभ देखने को मिले हैं। यह कार्य स्पष्ट रूप से उन लाभों का संकेत देता है।