पॉलीसल्फेट से कपास फली के वजन में वृद्धि | Polysulphate se kapas phali ke vajan mein vridhi
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गाँव: सवांगी, तालुका: खुल्ताबाद, जिला: औरंगाबाद, महाराष्ट्र 2020
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प्रमुख निष्कर्ष
मौजूदा किसान तरीकों की तुलना में, पॉलीसल्फेट उर्वरक के उपयोग के माध्यम से आईसीएल प्रैक्टिस ने कपास फसल के बीज वजन और प्रति हेक्टेयर कुल उपज में काफी वृद्धि का प्रदर्शन किया। भारतीय परिस्थितियों में इसका मतलब है कपास की फसलों के लिए प्रति हेक्टेयर अतिरिक्त रिटर्न और प्रति यूनिट उपज लागत बनाम लाभ के अनुपात में वृद्धि।
उद्देश्य
कपास की वृद्धि और उपज मापदंडों पर पॉलीसल्फेट के प्रभाव का मूल्यांकन करना।
परीक्षण विवरण
परीक्षण क्षेत्र
गाँव: सवांगी, तालुका: खुल्ताबाद, जिला: औरंगाबाद, महाराष्ट्र
उत्पाद
पॉलीसल्फेट स्टैण्डर्ड | Polysulfate Standard
आकलन
फली वजन, कपास बीज प्रति हेक्टेयर, उपज की शाखाएं और फलियों की संख्या, प्रति यूनिट लागत बनाम लाभ अनुपात
पोषक विवरण
• किसान प्रैक्टिस: 145 N: 80P: 40K: 23S
(12:32:16 – 250 किग्रा + Urea 250 किग्रा + मौलिक सल्फ़र 25 किग्रा) /हेक्टेयर
• आईसीएल प्रैक्टिस: 145 N: 80P: 63K: 23S: 21CaO + 7MgO
(12:32:16 – 100 किग्रा + Urea 250 किग्रा + पॉलीसल्फेट 125 किग्रा) /हेक्टेयर
पोषक विवरण
• किसान प्रैक्टिस: 145 N: 80P: 40K: 23S
(12:32:16 – 250 किग्रा + Urea 250 किग्रा + मौलिक सल्फ़र 25 किग्रा) /हेक्टेयर
• आईसीएल प्रैक्टिस: 145 N: 80P: 63K: 23S: 21CaO + 7MgO
(12:32:16 – 100 किग्रा + Urea 250 किग्रा + पॉलीसल्फेट 125 किग्रा) /हेक्टेयर
परिणाम
आईसीएल प्रैक्टिस में फलियों की संख्या और वो टहनियां जिनपर कपास की फलियां लगती हैं, उनकी औसत संख्या क्रमशः 17 और 59 थी जबकि किसान प्रैक्टिस में यह 16 और 52 थी। यानि किसान प्रैक्टिस की तुलना में क्रमशः 6% और 13% की वृद्धि देखी गई। साथ ही फलियों का औसत वजन 17% बढ़ा देखा गया। कपास के बीज की उपज आईसीएल प्रैक्टिस में 22.87 क्विंटल/हेक्टेयर थी जबकि किसान प्रैक्टिस में यह 21.25 क्विंटल/हेक्टेयर थी। किसान अभ्यास की तुलना में यह उपज वृद्धि 8% थी। प्रति यूनिट लागत बनाम लाभ के अनुपात 2.17 रहा।