फर्टिगेशन एक ऐसी तकनीक है जिसके द्वारा फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए घुलनशील उर्वरकों को सिंचाई के पानी में मिलाया जाता है। यह प्लेसमेंट, समय और पोषक तत्व के उपयोग विधि को नियंत्रित करने के लिए अत्यधिक प्रभावी और लचीली तकनीक है। यह मिट्टी की उर्वरता की स्थिति और किसी भी फसल की विकास-अवस्था के अनुसार सटीक पोषण की आपूर्ति संभव बनाता है। आईसीएल के विशेषता उर्वरक, फर्टिगेशन खाद की तकनीक में विश्व के मानक तय करता है। इस तकनीक के केंद्र में इसका अम्लीकरण प्रभाव है जो कई प्रकार के लाभ पैदा देता है:
पौधों द्वारा पोषक तत्वों के ग्रहण में वृद्धि: यह मिट्टी को अम्लीकृत करता है, जिससे फॉस्फोरस और सूक्ष्म पोषक तत्वों की उपलब्धता और सेवन बढ़ जाता है।
पीएच कम होना: सीधे कठोर पानी पर डालने से यह पानी के पीएच को कम करता है।
पाइपों के जाम होने से बचाव: बाइकार्बोनेट को बेअसर कर घोलने के लिए पर्याप्त अम्लीकरण प्रदान करता है और ड्रिपर्स और पाइपों को बंद होने से बचाता है।
आईसीएल स्पेशलिटी फर्टिलाइजर्स अपने फॉर्मूलेशन में फर्टिफ्लो™ का उपयोग करता है।
फर्टिगेशन फर्टिलाइजर तकनीक के फायदे
- पोषक तत्वों को ठीक उसी दर पर लगाया जाता है, जिसकी पौधे को वास्तविक विकास अवस्था में आवश्यकता होती है, उच्च पोषक तत्वों के आवश्यकता की अवधि में भी कमियों को रोकता है।
- पोषक तत्वों को सिंचित क्षेत्र में समान रूप से लागू किया जाता है।
- पर्यावरणीय परिवर्तन जिनसे पौधे की पोषक तत्वों की आवश्यकता आदि प्रभावित करती हों, उनके हिसाब से किसान त्वरित उपाय कर सकता है।
- फर्टिगेशन मिट्टी की लवणता, क्षारता या अम्लता को कम-ज़्यादा करना संभव बनाता है।
- फर्टिगेशन का उपयोग सभी प्रकार की सिंचाई प्रणालियों और उगने की स्थितियों के लिए किया जा सकता है।
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