ब्राजील में आईसीएल पोटाशप्लस द्वारा उन्नत सोयाबीन
ब्राज़ील में सल्फर के विभिन्न खादों पर शोध के दौरान सोयाबीन के उत्पादन के लिए आईसीएल पोटाशप्लस® के लाभ सामने आए।
जब करने के लिए बहुत कुछ होता है, तो कभी-कभी महीन बातों की अनदेखी रह जाने की सम्भावना होती है। ब्राजील में उगाई जाने वाली सोयाबीन को ही लीजिए- शोध से पता चला है कि यदि समय निकाल कर सावधानी से सोयाबीन की खाद सम्बन्धी रणनीति को सही किया जाए तो पैदावार में वास्तविक वृद्धि हो सकती है, विशेष रूप से बड़े पैमाने पर किये जाने वाले खेती में।
उतनी ही ज़मीन पर अधिक सोयाबीन
ब्राजील की असाधारण सोयाबीन उत्पादकता से सभी अच्छी तरह से वाकिफ हैं जहाँ उत्पादन प्रति वर्ष 12 करोड़ टन से अधिक यानि, लगभग 3.3 टन/हेक्टेयर तक पहुंच चुका है। हालांकि, कितनी जमीन खेती के लिए आवंटित की जा सकती है उसकी कहीं न कहीं एक सीमा है। इसलिए किसानों को यह सुनिश्चित करना होगा की वह इस पैदावार को बनाये रखें या उससे भी बेहतर बना सकें। तो यह बेहतर उपज कहाँ से आए?
हाल के शोध से पता चलता है कि सावधानीपूर्वक तय की गई, विशेष रूप से सल्फर और पोटेशियम के संबंध में एक संतुलित उर्वरक रणनीति, इस प्रश्न का उत्तर हो सकती है।
सल्फर के विभिन्न स्रोतों के विशेषताओं की जाँच
‘रियो वर्डे शोध एवं तकनीकी विकास संस्थान’ की एक शोध टीम ने ‘अंतर्राष्ट्रीय पोटाश संस्थान’ (आईपीआई) के सहयोग से एक प्रयोग तैयार किया। इस प्रयोग में आईसीएल पोटाशप्लस® का उपयोग करके पोटाश और सल्फर की पर्याप्त आपूर्ति के लाभों की जांच की गई।
आईसीएल के ‘फ़र्टिलाइज़र-प्लस’ प्रीमियम खादों की श्रृंखला में से एक है ‘आईसीएल पोटाशप्लस’ जो पॉलीसल्फेट और पोटैशियम क्लोराइड के संयोजन से बना एक दानेदार उर्वरक है। उपरोक्त शोध ने आईसीएल पोटाशप्लस की तुलना ब्राजील में आमतौर पर सोयाबीन पर इस्तेमाल होने वाले वैकल्पिक सल्फर उर्वरकों से की (विवरण के लिए तालिका देखें)।
सोयाबीन अनुसंधान में सल्फर विभिन्न के स्रोतों की जांच
पोषक अथवा मिश्रण | रोपण के पहले | रोपण के दौरान | |||||
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KCl (MOP) | आईसीएल पोटाश प्लस® | एम ए पी | यूरिया | NPK 8-40-0 | SSP | PES | |
किलो/हेक्टेयर | किलो/हेक्टेयर | किलो/हेक्टेयर | किलो/हेक्टेयर | किलो/हेक्टेयर | किलो/हेक्टेयर | किलो/हेक्टेयर | |
MAP | - | - | 154 | - | - | - | - |
MAP +KCl | 134 | - | 154 | - | - | - | - |
MAP +SSP+KCl | 134 | - | 69 | 20 | - | 245 | - |
MAP +PES+KCl | 134 | - | 154 | - | - | - | 22 |
MAP+आईसीएल पोटाश प्लस® | - | 217 | 154 | - | - | - | - |
NPK 8-40-0+KCl | 134 | - | - | - | 200 | - | - |
संक्षिप्तीकरण: MAP: मोनो-अमोनियम फॉस्फेट; KClपोटेशियम क्लोराइड; MOP: म्यूरेट ऑफ पोटाश; एसएसपी: सिंगल सुपरफॉस्फेट; PES: पेस्टिल एलिमेंटल सल्फर; NPK: निर्धारित N-P2O5-K2O के साथ समग्र N-P-K (नाइट्रोजन - फ़ॉस्फोरस - पोटैशियम ) उर्वरक। |
प्रयोग माटो ग्रोसो राज्य के सेराडो क्षेत्र में रियो वर्डे संस्थान में हुआ। वहां लाल-पीली ‘लैटोसोल’ मिटटी थी जो प्राकृतिक रूप से कम उर्वरता वाली एवं मध्यम अम्लीय थी ।
प्रयोग में पूरी तरह से क्रमरहित, छः किस्म के खाद सैम्पल तैयार किये गए और हरेक सैम्पल की चार कॉपी रखी गई।
सभी सैम्पलों में लागू किये गए नाइट्रोजन, फॉस्फोरस पेंटॉक्साइड और पोटैशियम ऑक्साइड की दरें क्रमशः 17, 80 और 80 किग्रा/हेक्टेयर थीं, जबकि सल्फर की दर 20 किग्रा/हेक्टेयर थी। इन्हें प्रयोग के विभिन्न मिश्रणों के आवश्यकतानुसार मिलाया गया था।
सल्फेट उर्वरकों की क्षमता का उजागर होना
परीक्षण किए गए विभिन्न सैम्पल्स में यह देखा गया कि सल्फर के एकमात्र स्रोत के रूप में सल्फेट वाले फॉर्मूला जैसे:
१) ‘आईसीएल पोटाशप्लस®’ के साथ मोनोअमोनियम फॉस्फेट (एमएपी), और
२) सिंगल सुपरफॉस्फेट (एसएसपी) और पोटैशियम क्लोराइड के साथ एमएपी
– इन दोनों ने सबसे बढ़कर प्रतिक्रिया क्षमता दिखाई।
सामान्य खाद जिनमें सल्फर की आंशिक या पूरी आपूर्ति मौलिक यानि सामान्य स्वरूप में थी, उनकी तुलना में इन उपरोक्त दोनों मिश्रणों ने उल्लेखनीय रूप से अधिक उपज (10%) का प्रदर्शन किया। रोपण के पहले किया गया आईसीएल पोटाशप्लस® का ज़मीनी छड़काव उतना ही प्रभावी था जितना कि क्यारियों के खांचे में डाली गई एसएसपी।
समय के कुशल उपयोग द्वारा फसल का बेहतर प्रदर्शन
बड़े पैमाने की खेती वाले किसान आईसीएल पोटाशप्लस के उपयोग से अन्य व्यावहारिक लाभ भी प्राप्त करते हैं। सोयाबीन को बोने की कालावधि छोटी होती है। इससे ब्राजीलियाई सेराडो के किसानों को अक्टूबर के मध्य से लेकर नवंबर के मध्य में फसल प्राप्त करने की होड़ में लगना पड़ता है। चूँकि आईसीएल पोटाशप्लस खेतों में काफी काम समय में लगाई जा सकती है, अतः उतने ही समय में काफी अधिक मात्रा में इसकी बुआई हो जाती है। बोई हुई फसल के बढ़े अनुपात के परिणामस्वरूप पूरी फसल का प्रदर्शन बेहतर होता है, लाभ भी बढ़ता है।
आईसीएल पोटाशप्लस®, जो अब ब्राजील में सोयाबीन के किसानों के लिए उपलब्ध है, पॉलीसल्फेट और पोटाश (एमओपी या केसीएल) के संयोजन का उपयोग करके तैयार किया गया एक दानेदार उर्वरक है। हालांकि यह मुख्य रूप से एक पोटाश और सल्फेट खाद है, इसमें फसलों के लिए आवश्यक मैग्नीशियम और कैल्शियम भी होता है। यह एक ही बार लगाने से फसल के सभी पोटेशियम और सल्फर आवश्यकताओं की पूर्ति कर देता है। इसका सूत्र है: 37% K2O, 9% S (24% SO3), 3% MgO और 8% CaO । एक ही ग्रेन्युल में सभी का समावेश होने के कारण यह पोषक तत्वों का अलगाव होने से बचाता है, तब भी जब उर्वरक को रोपण के पहले खेतों में प्रसारित किया जाता है।
सल्फर, मैग्नीशियम और कैल्शियम सभी सल्फेट (SO4) रूप में हैं, जो पौधों को पोषण की उच्च उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं। आईसीएल पोटाशप्लस® पॉलीसल्फेट के लंबे घुलनशीलता पैटर्न के कारण सम्पूर्ण फसल चक्र के दौरान सल्फर की एक उत्तरोत्तर आपूर्ति सुनिश्चित करता है जो सल्फर के थक्के बनने के समस्या को भी कम करता है।
इस कहानी में और भी बहुत कुछ है। अंतर्राष्ट्रीय पोटाश संस्थान (आईपीआई) द्वारा ई-आईएफसी में पूरी रिपोर्ट “ब्राजील में सोयाबीन के लिए पोटेशियम और सल्फर उर्वरकों का मूल्यांकन” नाम से प्रकाशित की गई है।