गेहूँ और चना में पॉलीसल्फेट का महत्व

पॉलीसल्फेट चना (काबुली चना) और गेहूँ जैसी रबी फसलों के लिए एक अत्यंत लाभकारी उर्वरक है।

October 1, 2024
2मिनट

पॉलीसल्फेट क्या है?

पॉलीसल्फेट एक बहु-पोषक प्राकृतिक उर्वरक है, जिसे फसलों की बेहतर पैदावार और गुणवत्ता के लिए विश्वभर के किसानों द्वारा सराहा जा रहा है।

पॉलीसल्फेट एक प्राकृतिक खनिज उर्वरक है। यह यूनाइटेड किंगडम के उत्तरी सागर तट से १२०० मीटर की गहराई में स्थित पॉलीहैलाइट चट्टानों से निकाला जा रहा है। इस प्राकृतिक उर्वरक में प्रमुख रूप से पोटेशियम, सल्फर, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व होते हैं। इन तवों का अनोखा सयोंजन पॉलीसल्फेट को सभी फसलों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बनाती है।

Nutrient composition
K2O 13.5%
S 18.5%
MgO 5.5%
CaO 16.5%

गेहूँ और चना में पॉलीसल्फेट का महत्व

सल्फर की आपूर्ति

  • चना और गेहूँ दोनों फसलों के लिए सल्फर एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, क्योंकि यह अमीनो एसिड, प्रोटीन और एंजाइमों के निर्माण में सहायक होता है। सल्फर की पर्याप्त आपूर्ति प्रोटीन निर्माण में सुधार करके फसल की पैदावार और गुणवत्ता के लिए महत्वपूर्ण है।
  • पॉलीसल्फेट के माध्यम से सल्फर की निरंतर आपूर्ति फसल के विकास और गुणवत्ता को बेहतर बनाती है जिससे उच्च गुणवत्ता वाली उपज प्राप्त होती है।

पोटेशियम और कैल्शियम की संतुलित आपूर्ति

  • पोटेशियम चना और गेहूँ दोनों में जल विनियमन, सूखा प्रतिरोध और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह पोषक तत्व फसल की उत्पादकता में सुधार करता है और पौधों को तनाव की स्थिति से उबारने में मदद करता है।
  • कैल्शियम पौधों की कोशिका भित्तियों को मजबूत करता है, जिससे जड़ों का बेहतर विकास होता है और मिट्टी से पोषक तत्वों का अवशोषण सुचारू रूप से होता है।

मैग्नीशियम का योगदान

मैग्नीशियम क्लोरोफिल का केंद्रीय घटक है और प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाता है। पौधों में मैग्नीशियम का पर्याप्त स्तर प्रकाश संश्लेषण और ऊर्जा स्तर को बेहतर बनाता है, जिससे पौधे स्वस्थ और अधिक उत्पादक होते हैं। इसका प्रभाव चना और गेहूँ में बेहतर पोषण और उच्च उत्पादन क्षमता में देखा जा सकता है।

पॉलीसल्फेट ही क्यों ?

पॉलीसल्फेट की विशेष संरचना मिट्टी में पोषक तत्वों को लंबे समय तक बनाए रखती है, जिससे फसलों की आवश्यकताओं के अनुसार तत्वों की उपलब्धता सुनिश्चित होती है। इसमें सल्फर, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, जो पौधों के विकास के लिए आवश्यक हैं। यह उर्वरक फसलों को इन तत्वों की संतुलित आपूर्ति करता है, जिससे पौधों का उचित विकास होता है और उत्पादन क्षमता में वृद्धि होती है। पॉलीसल्फेट में कैल्शियम मिट्टी के कणों के एकत्रीकरण को बढ़ावा देकर मिट्टी की संरचना में सुधार करता है, जिससे मिट्टी का वातन, जल प्रवेश और जड़ प्रवेश बेहतर होता है। इसका पीएच तटस्थ होने के कारण, यह मिट्टी की अम्लता या क्षारीयता में बदलाव किए बिना विभिन्न प्रकार की मिट्टी के लिए उपयुक्त है। अध्ययनों से यह सिद्ध हुआ है कि पॉलीसल्फेट का उपयोग आवश्यक पोषक तत्वों की निरंतर आपूर्ति प्रदान करता है, जिससे फसल की पैदावार में महत्वपूर्ण वृद्धि हो सकती है। पॉलीसल्फेट द्वारा प्रदान किया गया संतुलित पोषण प्रोटीन निर्माण, दानो का आकार और पौधे के समग्र स्वास्थ्य में सुधार करके फसल की गुणवत्ता को बढ़ाता है।

 

गेहूँ और चने की फसल में कैसे करे पॉलीसल्फेट का प्रयोग ?

पोषक तत्वों के स्तर और पीएच का निर्धारण करने के लिए नियमित मिटटी परीक्षण करें। मिटटी परीक्षण के परिणामों के आधार पर फसलों की विशिष्ट पोषक तत्व आवश्यकताओं को पूरा करने के
लिए पोलिसल्फेट की मात्रा, दरों एवं समय के बारे में उचित निर्णय लेने में मदद मिलती है। आमतौर पर, चना और गेहूँ जैसी फसलों में बुवाई के समय NPK उर्वरकों के साथ 50 किग्रा/एकड़ की दर से पॉलीसल्फेट का प्रयोग पर्याप्त होता है।

अध्ययन और परीक्षण निष्कर्ष

पॉलीसल्फेट चना और गेहूं जैसी रबी फसलों के लिए एक अत्यंत लाभकारी उर्वरक है। यह फसलों को संतुलित पोषण प्रदान करता है, मिट्टी की संरचना को सुधारता है और फसलों की पैदावार तथा गुणवत्ता को बढ़ाता है। इसका उपयोग फसल की संपूर्ण विकास प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए अत्यंत प्रभावी सिद्ध हुआ है।