जहाँ भी एक उत्तम फर्टिगेटेड फसल के पोषण के लिए एक उत्तम फर्टिगेशन समाधान की आवश्यकता होती है, वहां फर्टिफ्लो 13-40-13 उर्वरक के बाद कुछ और देखने की आवश्यकता नहीं पड़ती। यह पानी में घुलनशील उर्वरक इस तरह से तैयार किया जाता है कि आपकी फसलें लीचिंग (थक्के पड़ कर घोल से अलग होना) के किसी भी संभावना से बच कर मिट्टी में लम्बे समय तक नाइट्रोजन के स्वस्थ स्तर का लाभ ले सकें। इसमें समाविष्ट फास्फोरस की उच्च मात्रा के कारण इस एनपीके उर्वरक से फसलों को पर्याप्त पोषण मिलता है। लौह, जस्ता और मैंगनीज को इसमें ट्रेस तत्वों की तरह एक आदर्श अनुपात में मिलाया गया है और इसके फॉर्मूला को सावधानीपूर्वक संतुलित किया गया है ताकि आपके फसल की हर पोषण संबंधी आवश्यकता पूरी हो तथा आपकी फसल में हर तरफ एक स्वस्थ विकास हो सके।
पैकेसीड तकनीक
यह तकनीक फॉस्फोरिक एसिड के फायदे और दक्षता के समावेश के साथ ही एक ठोस क्रिस्टलीय स्वरुप में उपलब्ध होने की सहजता और सुरक्षा प्रदान करता है। कृषि के लिए पारंपरिक तरीके से उपयोग में लाये जाने वाले तकनीकी अम्लों की जगह लेकर पैकेसिड (एक “झोले-में-अम्ल” उत्पाद) एक आसान, सुरक्षित और अधिक प्रभावी निषेचन प्रक्रिया को सम्भव करता है। इसकी अम्लीय प्रकृति के कारण, पैकेसिड न केवल फसलों में पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाता है बल्कि सिंचाई प्रणालियों पर एंटी-क्लॉगिंग (अवरुद्ध नलिकाओं की सफाई) का प्रभाव भी डालता है।आईसीएल अपने कई (पानी में) घुलनशील सूत्रीकरणों में पैकेसिड तकनीक का उपयोग करता है।
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फर्टिगेशन खाद
फर्टिगेशन एक ऐसी तकनीक है जिसके द्वारा फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए घुलनशील उर्वरकों को सिंचाई के पानी में मिलाया जाता है। यह पोषक तत्वों के पहुँच, विधि और अवधि को नियंत्रित करने के लिए अत्यधिक प्रभावी और उपयुक्त प्रणाली है। यह मिट्टी की उर्वरता की स्थिति और फसल के विकास चरण के अनुसार सटीक पोषण की आपूर्ति संभव करता है। फर्टिगेशन फर्टिलाइजर टेक्नोलॉजी में आईसीएल स्पेशलिटी फर्टिलाइजर्स विश्व मानक स्थापित करता है। इस तकनीक की मुख्यता इसका अम्लीकरण प्रभाव है जो फसलों को कई प्रकार के लाभ देता है।
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शीर्ष गुणवत्ता वाले कच्चे माल से बना है
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'चेलेटेड तकनीक' द्वारा सूक्ष्म पोषक तत्वों की एक संतुलित सामग्री का समावेश
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नाइट्रोजन को लंबे समय तक मिट्टी में स्थिर रखता है, जिससे पौधों में उसे बेहतर तरीका से सोखा जा सकता है
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नाइट्रेट लीचिंग (थक्के बनकर घोल से अलग होना) की काफी कम संभावना
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फसल की समान परिपक्वता, उच्च उपज और गुणवत्ता
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पूरी तरह से क्लोराइड मुक्त
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बेहतर जड़ वृद्धि और पौधे की प्रतिरोधी क्षमता सुनिश्चित करने के लिए अधिक फास्फोरस
खेत में किसी और तत्त्व के मिलाये बिना, केवल इस खाद के घोल की सुझाई गई कंसंट्रेशन: 100-150 किलोग्राम प्रति 1000 लीटर पानी।
न्यूनतम औसत | 15 किग्रा/एकड़ |
अधिकतम औसत | 25 किग्रा/एकड़ |
अपनी फसलों की चालकता या अनुपात की आवश्यकताओं के अनुसार समायोजित करते हुए, इस घोल के साथ अपने सिंचाई के पानी की मात्रा बढ़ाएँ। दर, या किसी अन्य मात्रा को बदलने से पहले किसी छोटे पैमाने पर उसका परीक्षण करें, क्योंकि आपकी परिस्थितियां भिन्न हो सकती हैं और हमारे उत्पादों का अनुप्रयोग हम नियंत्रित नहीं कर सकते। ऐसे में आईसीएल को किसी भी प्रतिकूल परिणाम के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।