पॉलीसल्फेट से लौकी की उत्पादन में वृद्धि | Polysulphate se lauki ki utpadan mein vridhi
लौकी की उपज
गाँव: बेदगनहल्ली, तालुका/जिला: चिकबल्लापुर, कर्नाटक 2020
लौकी की उपज
प्रमुख निष्कर्ष
मौजूदा किसान पद्यतियों की तुलना में, आईसीएल पद्यति, पॉलीसल्फेट उर्वरक के उपयोग के माध्यम से, लौकी की फसल की उपज में 23% की समग्र वृद्धि, औसत वनस्पति विकास और साथ ही फसल के वजन में भी वृद्धि प्रदर्शित करता है। भारतीय परिस्थितियों में इसका अर्थ है प्रति हेक्टेयर अतिरिक्त लाभ और लौकी की फसलों के लिए बेहतर लागत बनाम लाभ।
उद्देश्य
लौकी की उपज और गुणवत्ता पर पॉलीसल्फेट के प्रयोग के प्रभाव का अध्ययन करना।
परीक्षण विवरण
परीक्षण क्षेत्र
गाँव: बेदगनहल्ली, तालुका/जिला: चिकबल्लापुर, कर्नाटक
आकलन
• प्रति एकड़ औसत उपज
पोषक विवरण
टी 1 | स्टैण्डर्ड पॉलीसल्फेट + जड़ केंद्रित अनुप्रयोग |
टी 2 | पॉलीसल्फेट रहित किसान पद्यति |
पोषक विवरण
टी 1 | स्टैण्डर्ड पॉलीसल्फेट + जड़ केंद्रित अनुप्रयोग |
टी 2 | पॉलीसल्फेट रहित किसान पद्यति |
परिणाम

कर्नाटक के चिकबल्लापुर में परीक्षण के दौरान लौकी की उपज में 23% की वृद्धि हुई।
पॉलीसल्फेट डाले गए सैम्पल में लौकी की औसत ऊंचाई पॉलीसल्फेट रहित उर्वरीकरण सैम्पल की तुलना में अधिक थी। इसके अलावा, पॉलीसल्फेट रहित सैम्पल की तुलना में पॉलीसल्फेट डाले गए सैम्पल में प्रति लौकी औसत वजन भी 40% बढ़ा देखा गया। टी1 (पॉलीसल्फेट के साथ) सैम्पल मिश्रण के तहत औसत उपज 16 टन/एकड़ थी जबकि टी2 (पॉलीसल्फेट रहित) सैम्पल उर्वरीकरण के तहत यह 13 टन/एकड़ थी। लागत बनाम लाभ अनुपात 3.6 दर्ज किया गया।